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हिन्दी व्याकरण

हिन्दी व्याकरण (मूल से उन्नत स्तर तक)

1. वर्ण विचार

2. संज्ञा

3. लिंग

4. वचन

5. कारक

6. सर्वनाम

7. विशेषण

8. क्रिया

9. काल

10. अव्यय

11. वाच्य

12. उपसर्ग

13. प्रत्यय

14. समास

15. सन्धि

16. विराम चिन्ह

17. अलंकार

18. रस

19. छंद

20. वाक्य रचना

1. वर्ण विचार (Varna Vichar)

परिभाषा: भाषा की सबसे छोटी ध्वनि, जिसे बोला और लिखा जा सके, वर्ण कहलाता है।

वर्ण के दो मुख्य भेद होते हैं:

स्वर (Vowels):

स्वर वह ध्वनि है जिसे बिना किसी अन्य ध्वनि की सहायता के बोला जा सकता है।

स्वर वर्ण: अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ, अं, अः

व्यंजन (Consonants):

व्यंजन वे ध्वनियाँ होती हैं जिन्हें उच्चारित करने के लिए स्वर की सहायता लेनी पड़ती है।

व्यंजन वर्ण: कुल 33 होते हैं।

कंठ्य तालव्य मूर्धन्य दंत्य ओष्ठ्य
क, ख, ग, घ, ङ च, छ, ज, झ, ञ ट, ठ, ड, ढ, ण त, थ, द, ध, न प, फ, ब, भ, म

अन्य व्यंजन: य, र, ल, व, श, ष, स, ह, क्ष, त्र, ज्ञ

अन्य वर्ण

वर्णमाला:

हिन्दी वर्णमाला में कुल 52 वर्ण होते हैं:

2. संज्ञा (Noun)

परिभाषा: जिस शब्द से किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु, गुण, अवस्था या भाव का बोध हो, उसे संज्ञा कहते हैं।

जैसे – राम, दिल्ली, पुस्तक, सुंदरता, बचपन, दौड़ आदि।

संज्ञा के भेद:

संज्ञा को मुख्यतः पाँच भागों में बाँटा गया है:

भेद परिभाषा उदाहरण
1. व्यक्तिवाचक संज्ञा जिससे किसी विशेष व्यक्ति, स्थान या वस्तु का बोध हो। राम, सीता, आगरा, गंगा
2. जातिवाचक संज्ञा जिससे किसी पूरी जाति या वर्ग का बोध हो। लड़का, शहर, नदी, फूल
3. द्रव्यवाचक संज्ञा जिससे किसी द्रव्य, तरल, ठोस या गैस का बोध हो। पानी, दूध, चावल, हवा
4. भाववाचक संज्ञा जिससे किसी गुण, अवस्था या भाव का बोध हो। सच्चाई, सुंदरता, बचपन, वीरता
5. सामूहिक संज्ञा जिससे किसी समूह का बोध हो। सेना, झुंड, टोली, वर्ग

उदाहरणों के साथ:

महत्व:

संज्ञा के बिना वाक्य की कल्पना नहीं की जा सकती। यह किसी भी भाषा का आधार स्तंभ होती है।

3. लिंग (Gender)

परिभाषा: संज्ञा या सर्वनाम शब्दों में पुरुष या स्त्री का बोध कराने वाले रूप को लिंग कहते हैं।

जैसे – लड़का (पुल्लिंग), लड़की (स्त्रीलिंग)

लिंग के दो प्रकार होते हैं:

1. पुल्लिंग:

जिस शब्द से पुरुष जाति का बोध हो, उसे पुल्लिंग कहते हैं।

उदाहरण: राजा, लड़का, भाई, पुत्र, शेर, शिक्षक

2. स्त्रीलिंग:

जिस शब्द से स्त्री जाति का बोध हो, उसे स्त्रीलिंग कहते हैं।

उदाहरण: रानी, लड़की, बहन, पुत्री, शेरनी, शिक्षिका

पुल्लिंग और स्त्रीलिंग के उदाहरणों की तालिका:

पुल्लिंग स्त्रीलिंग
लड़का लड़की
राजा रानी
पिता माता
भाई बहन
गायक गायिका
शिक्षक शिक्षिका

कुछ महत्वपूर्ण बातें:

लिंग परिवर्तन (Gender Transformation):

कई शब्दों में पुल्लिंग से स्त्रीलिंग बनाने हेतु विशेष नियम अपनाए जाते हैं, जैसे:

4. वचन (Number)

परिभाषा: संज्ञा, सर्वनाम और क्रिया के जिस रूप से एक या एक से अधिकवचन

उदाहरण: बच्चा (एक) – बच्चे (अनेक)

वचन के दो भेद:

1. एकवचन:

जिस शब्द से एक वस्तु, व्यक्ति या स्थान का बोध हो, उसे एकवचन कहते हैं।

उदाहरण: लड़का, पुस्तक, फूल, गाय

2. बहुवचन:

जिस शब्द से एक से अधिक वस्तुओं, व्यक्तियों या स्थानों का बोध हो, उसे बहुवचन कहते हैं।

उदाहरण: लड़के, पुस्तकें, फूलों, गायें

एकवचन और बहुवचन के उदाहरण:

एकवचन बहुवचन
लड़का लड़के
कुत्ता कुत्ते
पुस्तक पुस्तकें
गाय गायें
पेड़ पेड़
बालक बालक

नियम:

महत्व:

वचन के अनुसार संज्ञा, सर्वनाम और क्रिया का सही प्रयोग वाक्य में आवश्यक होता है। इससे भाषा स्पष्ट और सही बनती है।

5. कारक (Karak)

परिभाषा: वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम शब्द का क्रिया से जो संबंध होता है, उसे कारक

कारक चिन्हों द्वारा पहचाने जाते हैं जैसे – ने, को, से, के लिए आदि।

कारक के 8 प्रकार:

क्रम कारक चिह्न उदाहरण
1 कर्ता कारक ने राम ने खाना खाया।
2 कर्म कारक को सीता को बुलाओ।
3 करण कारक से चाकू से फल काटा।
4 संप्रदान कारक के लिए मैंने राम के लिए उपहार खरीदा।
5 अपादान कारक से गाय गौशाला से निकली।
6 सम्प्रयोग कारक के साथ वह मित्र के साथ आया।
7 अधिकरण कारक में, पर किताब मेज पर रखी है।
8 संबंध कारक का, के, की यह राम की पुस्तक है।

मुख्य बातें:

नोट:

कुछ वाक्य ऐसे होते हैं जिनमें कारक चिन्ह नहीं दिखते, परन्तु भाव से उनका बोध होता है। इन्हें **भाववाचक कारक** कहा जा सकता है।

6. सर्वनाम (Pronoun)

परिभाषा: जो शब्द संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होता है, उसे सर्वनाम

उदाहरण: राम स्कूल गया। वह पढ़ने गया। ('राम' की जगह 'वह' आया है)

सर्वनाम के भेद:

उदाहरणों की तालिका:

प्रकार उदाहरण वाक्य में प्रयोग
पुरुषवाचक मैं, तुम, वह मैं बाज़ार गया।
निजवाचक स्वयं, खुद राम स्वयं आया।
निश्चयवाचक यह, वह यह किताब मेरी है।
अनिश्चयवाचक कोई, कुछ कोई दरवाज़े पर है।
प्रश्नवाचक कौन, क्या क्या तुम पढ़ाई कर रहे हो?
संबंधवाचक जो, वह जो पढ़ता है, वही आगे बढ़ता है।
संकेतवाचक यह, वह वह लड़की मेरी बहन है।

मुख्य बातें:

7. विशेषण (Adjective)

परिभाषा: जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं, उन्हें विशेषण

उदाहरण: सुंदर लड़की, बड़ा घर, तीव्र गति

विशेषण के प्रकार:

उदाहरणों की तालिका:

प्रकार उदाहरण वाक्य में प्रयोग
गुणवाचक अच्छा, सुंदर वह अच्छा छात्र है।
संख्यावाचक तीन, पहला मेरे पास तीन किताबें हैं।
परिमाणवाचक थोड़ा, जितना उसने थोड़ा पानी पिया।
संकेतवाचक यह, वह वह लड़का तेज़ दौड़ता है।
संबंधवाचक भारत का, स्कूल का यह भारत का झंडा है।

मुख्य बातें:

8. क्रिया (Verb)

परिभाषा: वह शब्द जो किसी कार्य के होने या करने को प्रकट करे, उसे क्रिया कहते हैं।

उदाहरण: राम पढ़ता है। बच्चा सो रहा है।

क्रिया के मुख्य भेद:

काल के अनुसार क्रिया:

उदाहरणों की तालिका:

प्रकार उदाहरण वाक्य में प्रयोग
सकर्मक क्रिया पढ़ता, लिखता वह पुस्तक पढ़ता है।
अकर्मक क्रिया सोता, चलता बच्चा सो रहा है।
सहायक क्रिया है, था, रहा राम पढ़ रहा है।

मुख्य बातें:

9. काल (Tense)

परिभाषा: क्रिया के जिस रूप से कार्य के समय (भूत, वर्तमान या भविष्य) का बोध हो, उसे काल कहते हैं।

उदाहरण:
मैं खाना खाता हूँ। (वर्तमान)
मैं खाना खाया। (भूत)
मैं खाना खाऊँगा। (भविष्य)

काल के तीन प्रकार:

प्रत्येक काल के भेद:

काल भेद उदाहरण
वर्तमान काल सामान्य वर्तमान मैं स्कूल जाता हूँ।
अपूर्ण वर्तमान मैं पढ़ रहा हूँ।
पूर्ण वर्तमान मैं काम कर चुका हूँ।
नियत वर्तमान गाड़ी समय पर आती है।
भूतकाल सामान्य भूत मैं बाज़ार गया।
अपूर्ण भूत मैं लिख रहा था।
पूर्ण भूत मैंने पत्र लिखा था।
भविष्यत् काल सामान्य भविष्य मैं स्कूल जाऊँगा।
अपूर्ण भविष्य मैं पढ़ रहा होऊँगा।
पूर्ण भविष्य मैं काम कर चुका होऊँगा।

मुख्य बातें:

10. अव्यय (Indeclinable)

परिभाषा: जो शब्द किसी भी लिंग, वचन, पुरुष, काल आदि के अनुसार नहीं बदलते, उन्हें अव्यय कहते हैं।

उदाहरण: अभी, परंतु, क्योंकि, यदि, तो, और, नहीं

अव्यय के भेद:

उदाहरणों की तालिका:

प्रकार उदाहरण वाक्य में प्रयोग
क्रियाविशेषण धीरे राम धीरे चलता है।
समुच्चय अव्यय और राम और श्याम आए।
निषेधवाचक नहीं मैं नहीं जाऊँगा।
निपात ही यही ही सही उत्तर है।

मुख्य बातें: