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AI Tutorial Index

📘 Artificial Intelligence (AI) Tutorial Index

1. Introduction to AI / कृत्रिम बुद्धिमत्ता का परिचय

2. Basics of AI / AI की मूलभूत बातें

3. Machine Learning / मशीन लर्निंग

4. Deep Learning / गहन शिक्षण

5. Natural Language Processing (NLP) / प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण

6. Computer Vision / कंप्यूटर विजन

7. Reinforcement Learning / प्रबलन शिक्षण

8. Tools & Libraries / उपकरण और पुस्तकालय

9. AI Ethics & Social Impact / AI की नैतिकता और प्रभाव

10. AI Projects & Case Studies / परियोजनाएँ और केस स्टडी

11. AI Interview Questions / AI साक्षात्कार प्रश्न

AI क्या है? (What is Artificial Intelligence?)

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) ऐसी तकनीक है जो कंप्यूटर और मशीनों को इंसानों जैसी सोच, समझ और कार्य करने की क्षमता देती है।

AI मुख्य रूप से तीन कार्यों पर आधारित है:

AI का उपयोग आजकल स्वास्थ्य, शिक्षा, वित्त, ऑटोमोबाइल, और ग्राहक सेवा जैसे क्षेत्रों में हो रहा है। 🔝 Go Back to Top Index

AI क्या है? (What is Artificial Intelligence?)

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) एक ऐसी तकनीक है जो कंप्यूटर और मशीनों को इंसानों जैसी सोच, समझ और कार्य करने की क्षमता देती है। इसका उद्देश्य मशीनों को स्वायत्त रूप से कार्य करने और निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करना है।

AI को विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग किया जाता है जैसे कि:

AI मुख्य रूप से तीन मुख्य कार्यों पर आधारित है:

AI के विकास से कई नए और उपयोगी तकनीकी उपकरण और सेवाएँ उत्पन्न हुई हैं जो हमारे जीवन को सरल और अधिक सुविधाजनक बनाती हैं। 🔝 Go Back to Top Index

AI का इतिहास (History of AI)

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की उत्पत्ति विज्ञान कथा और विचारधारा से हुई थी। समय के साथ, AI ने विज्ञान, गणित, और कंप्यूटर विज्ञान के विभिन्न पहलुओं को जोड़कर एक नई दिशा प्राप्त की। AI के इतिहास को मुख्य रूप से निम्नलिखित प्रमुख घटनाओं और अवधियों के माध्यम से समझा जा सकता है:

1. प्रारंभिक अवधारणाएँ (Early Concepts)

AI के विचार की शुरुआत प्राचीन काल में हुई थी, जब मानव मस्तिष्क और सोच के बारे में सोचा जाता था। 16वीं और 17वीं शताब्दी में, गणितज्ञों ने तर्कशक्ति और गणना की विचारधारा को प्रस्तुत किया था। लेकिन वास्तविक AI का विचार 20वीं शताब्दी के मध्य में आया।

2. एलन ट्यूरिंग और ट्यूरिंग परीक्षण (Alan Turing & the Turing Test)

1936 में, एलन ट्यूरिंग ने 'ट्यूरिंग मशीन' का सिद्धांत दिया, जो आज के कंप्यूटर विज्ञान का आधार है। 1950 में, उन्होंने 'ट्यूरिंग परीक्षण' पेश किया, जिसका उद्देश्य यह निर्धारित करना था कि क्या एक मशीन मानव जैसे सोच और व्यवहार कर सकती है। ट्यूरिंग परीक्षण ने AI के विचार को वैज्ञानिक तरीके से परिभाषित किया।

3. 1950-1970: प्रारंभिक अनुसंधान (1950-1970: Early Research)

1956 में, "आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस" शब्द का पहला उपयोग जॉन मैकार्थी, मार्विन मिंस्की, नाथनियल रोचेस्टर, और क्लॉड शैनन द्वारा 'डार्टमाउथ सम्मेलन' में किया गया। इस सम्मेलन को AI के जन्म के रूप में माना जाता है। इसके बाद AI में नई दिशा मिली, और शुरुआती वर्ष में पहला AI कार्यक्रम "एलिजा" विकसित किया गया, जो मानव-मशीन बातचीत की एक सरल प्रणाली थी।

4. 1970-1990: AI का अवरोध और पुनरुद्धार (1970-1990: AI Winter and Revival)

1970 के दशक के अंत और 1980 के दशक के शुरुआत में, AI क्षेत्र में एक ठहराव आया जिसे "AI विंटर" कहा जाता है। इस अवधि में AI के कार्यों पर अधिक ध्यान नहीं दिया गया और अनुसंधान निधि में कमी आई। हालांकि, 1980 के दशक के मध्य में विशेषज्ञ प्रणाली (Expert Systems) का विकास हुआ, जिससे AI में पुनः रुचि बढ़ी। ये प्रणाली विशेष क्षेत्रों में मानव विशेषज्ञों जैसे निर्णय लेने में सक्षम थीं।

5. 1990-2010: कंप्यूटर के उन्नत रूप (1990-2010: Advanced Computing)

1990 के दशक में, AI में एक बड़ा बदलाव आया, जब "डीप ब्लू" नामक कंप्यूटर ने 1997 में विश्व शतरंज चैंपियन गैरी कास्पारोव को हराया। यह घटना AI के संभावनाओं को दुनिया के सामने लाने में मददगार साबित हुई। इसके बाद, इंटरनेट और बिग डेटा के विकास से AI के लिए नई चुनौतियाँ और अवसर आए।

6. 2010 से वर्तमान: आधुनिक AI और गहरी शिक्षा (2010-present: Modern AI & Deep Learning)

2010 के दशक में, AI के क्षेत्र में गहरे शिक्षण (Deep Learning) और न्यूरल नेटवर्क्स का विकास हुआ, जिससे AI में नए युग की शुरुआत हुई। गहरी शिक्षण तकनीकों ने छवि पहचान, भाषा प्रसंस्करण, और अन्य जटिल कार्यों को कुशलता से हल करना संभव बना दिया। प्रसिद्ध AI मॉडल जैसे "GPT" और "BERT" ने प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन किया।

आज, AI का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जा रहा है जैसे कि स्वास्थ्य, वित्त, स्वचालित वाहन, और व्यक्तिगत सहायक। भविष्य में, AI के और भी उन्नत रूप विकसित होने की संभावना है, जो समाज और अर्थव्यवस्था में और भी व्यापक प्रभाव डालेंगे।

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AI के प्रकार (Types of AI)

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) को तीन मुख्य श्रेणियों में बाँटा जाता है, जो उसकी क्षमताओं और कार्यों के आधार पर परिभाषित होती हैं। ये प्रकार हैं: संकीर्ण AI (Narrow AI), सामान्य AI (General AI), और सुपर AI (Super AI)। आइए इन्हें विस्तार से समझें:

1. संकीर्ण AI (Narrow AI)

संकीर्ण AI (जिसे Weak AI भी कहा जाता है) एक विशिष्ट कार्य या सीमित कार्यों के लिए डिज़ाइन किया गया AI है। यह केवल वही कार्य कर सकता है जिसे उसे प्रशिक्षित किया गया है और इसका उद्देश्य विशेष रूप से उन कार्यों को अधिक कुशलता से करना है। संकीर्ण AI आज के समय में सबसे अधिक प्रचलित है और इसका उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जा रहा है, जैसे:

संकीर्ण AI सीमित क्षेत्रों में उत्कृष्ट होता है, लेकिन यह अपनी कार्यक्षमता से बाहर किसी भी कार्य को करने में सक्षम नहीं होता। 🔝 Go Back to Top Index

AI के प्रकार (Types of AI)

2. सामान्य AI (General AI)

सामान्य AI (जिसे Strong AI भी कहा जाता है) वह AI है जो किसी भी बौद्धिक कार्य को मानव की तरह करने में सक्षम हो। सामान्य AI का उद्देश्य इंसान जैसी सोच और समझ पैदा करना है, जिससे यह विभिन्न कार्यों में स्वयं को अनुकूलित कर सके। इस प्रकार का AI, विचारशीलता, तर्क, और निर्णय लेने के कार्यों में मानव के समान कार्य कर सकता है। हालांकि, वर्तमान में सामान्य AI का कोई सशक्त उदाहरण नहीं है और यह अभी तक शोध और विकास के स्तर पर है।

उदाहरण के रूप में, यदि एक सामान्य AI को एक नए कार्य का सामना करना पड़े, तो वह उसी तरह से समस्या को हल करेगा जैसे एक मानव हल करता है, बिना विशेष प्रशिक्षण के। यह AI का सबसे उन्नत रूप है।

3. सुपर AI (Super AI)

सुपर AI, जिसे "Artificial Superintelligence" (ASI) भी कहा जाता है, वह AI है जो किसी भी क्षेत्र में मानव से कहीं अधिक बुद्धिमान हो। यह AI मानवों की सोच, भावनाओं, रचनात्मकता, और निर्णय क्षमता से भी कहीं अधिक शक्तिशाली होगा। सुपर AI का लक्ष्य खुद से विचार करना और अपनी बुद्धिमत्ता को समय के साथ बढ़ाना होगा।

सुपर AI के विकास से कई प्रकार की संभावनाएँ उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे:

सुपर AI वर्तमान में एक सिद्धांत है और इस पर काम जारी है। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि यह विकसित होता है, तो यह हमारी दुनिया को पूरी तरह से बदल सकता है। लेकिन इसके साथ ही इसके लिए बड़े पैमाने पर सुरक्षा और नैतिक मुद्दे भी होंगे।

वर्तमान में, हम संकीर्ण AI के दौर में हैं, और सामान्य AI और सुपर AI का विकास भविष्य में संभावित है, जो AI के क्षेत्र को और अधिक व्यापक रूप से प्रभावित करेगा।

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AI के अनुप्रयोग (Applications of AI)

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) ने कई क्षेत्रों में अपना प्रभाव डाला है और इसका उपयोग दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। AI के अनुप्रयोगों से जीवन को सरल, बेहतर, और अधिक उत्पादक बनाया जा सकता है। आइए हम कुछ प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान दें जहाँ AI का उपयोग हो रहा है:

1. स्वास्थ्य (Healthcare)

AI का सबसे बड़ा अनुप्रयोग स्वास्थ्य क्षेत्र में देखा जाता है। AI का उपयोग रोगों का निदान, चिकित्सा छवियों का विश्लेषण, और मरीजों के उपचार में किया जा रहा है। उदाहरण के रूप में:

2. वित्त (Finance)

वित्तीय क्षेत्र में AI का उपयोग जोखिम प्रबंधन, धोखाधड़ी पहचान, और निवेश निर्णयों में किया जा रहा है। कुछ प्रमुख अनुप्रयोग हैं:

3. परिवहन (Transportation)

परिवहन क्षेत्र में AI का उपयोग स्वचालित वाहनों (Autonomous Vehicles), ट्रैफिक प्रबंधन, और यात्री सुरक्षा में किया जा रहा है। कुछ उदाहरण हैं:

4. ग्राहक सेवा (Customer Service)

AI का उपयोग ग्राहक सेवा में चैटबोट्स, वॉयस असिस्टेंट्स, और व्यक्तिगत अनुभवों को अनुकूलित करने के लिए किया जा रहा है। उदाहरण:

5. शिक्षा (Education)

शिक्षा के क्षेत्र में AI का उपयोग छात्रों के सीखने के अनुभव को अनुकूलित करने, व्यक्तिगत ट्यूटरिंग, और मूल्यांकन में किया जा रहा है। कुछ उदाहरण:

6. विपणन (Marketing)

विपणन में AI का उपयोग ग्राहक व्यवहार का विश्लेषण करने, विज्ञापन अनुकूलित करने, और बिक्री रणनीतियों को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है। उदाहरण:

AI के अनुप्रयोगों का दायरा अत्यधिक विस्तृत है और यह भविष्य में कई अन्य क्षेत्रों में भी अपने प्रभाव को महसूस कराएगा।

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बुद्धिमान एजेंट (Intelligent Agents)

बुद्धिमान एजेंट (Intelligent Agents) कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का एक महत्वपूर्ण पहलू हैं। ये एजेंट्स किसी विशिष्ट कार्य को स्वायत्त रूप से करने के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं, जैसे कि निर्णय लेना, समस्या सुलझाना, और पर्यावरण से इंटरैक्ट करना। बुद्धिमान एजेंट किसी भी परिस्थिति में कार्य करने के लिए अपनी जानकारी का विश्लेषण और उपयोग करते हैं।

बुद्धिमान एजेंट का कार्य

बुद्धिमान एजेंट का मुख्य उद्देश्य यह है कि वह किसी कार्य को अधिक कुशलता से, बिना किसी बाहरी सहायता के, और सही तरीके से पूरा करें। यह एजेंट विभिन्न प्रकार के कार्यों में सक्षम होते हैं, जैसे:

बुद्धिमान एजेंट के प्रकार

बुद्धिमान एजेंट मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं:

बुद्धिमान एजेंटों का उपयोग

बुद्धिमान एजेंट का उपयोग कई क्षेत्रों में किया जा रहा है:

बुद्धिमान एजेंट के उदाहरण

बुद्धिमान एजेंट तकनीकी प्रगति के कारण बहुत महत्वपूर्ण हो गए हैं, और वे मानव जीवन को अधिक सुविधाजनक और स्वचालित बनाने में मदद कर रहे हैं।

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खोज एल्गोरिदम (Search Algorithms)

खोज एल्गोरिदम (Search Algorithms) उन तकनीकों का समूह हैं, जिन्हें किसी समस्या के समाधान के लिए उपयुक्त रास्ता खोजने के लिए डिजाइन किया गया है। यह एल्गोरिदम विभिन्न प्रकार के डेटा संरचनाओं (Data Structures) में डेटा खोजने के लिए उपयोग किए जाते हैं।

खोज एल्गोरिदम का उद्देश्य

खोज एल्गोरिदम का मुख्य उद्देश्य किसी विशिष्ट लक्ष्य या मानक तक पहुँचने के लिए सबसे प्रभावी और कुशल मार्ग का चयन करना है। इन्हें व्यापक रूप से AI, गेम थ्योरी, रोबोटिक्स, और अन्य अनुप्रयोगों में इस्तेमाल किया जाता है।

खोज एल्गोरिदम के प्रकार

विभिन्न प्रकार के खोज एल्गोरिदम होते हैं, जिनका उपयोग विभिन्न परिस्थितियों और समस्याओं के समाधान में किया जाता है:

खोज एल्गोरिदम के उदाहरण

खोज एल्गोरिदम के उपयोग

खोज एल्गोरिदम किसी भी समस्या के समाधान के लिए महत्वपूर्ण होते हैं और इन्हें सही तरीके से समझकर उपयोग करना AI में सफलता प्राप्त करने के लिए आवश्यक है।

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समस्या समाधान (Problem Solving)

समस्या समाधान (Problem Solving) AI और कंप्यूटर विज्ञान का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जो किसी समस्या के समाधान के लिए उपयुक्त विधियों और तकनीकों को विकसित करने पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य यह है कि मशीनें और कंप्यूटर किसी दिए गए कार्य या समस्या को अपने आप सुलझा सकें।

समस्या समाधान की प्रक्रिया

समस्या समाधान की प्रक्रिया में कई कदम होते हैं, जिनमें प्रमुख कदम निम्नलिखित होते हैं:

समस्या समाधान के प्रकार

समस्या समाधान के विभिन्न प्रकार होते हैं, जिनका उपयोग विभिन्न प्रकार की समस्याओं को हल करने के लिए किया जाता है:

समस्या समाधान के एल्गोरिदम

समस्या समाधान के विभिन्न एल्गोरिदम होते हैं, जो विभिन्न प्रकार की समस्याओं को हल करने के लिए डिजाइन किए गए हैं:

समस्या समाधान में AI का उपयोग

समस्या समाधान में AI तकनीकों का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। कुछ प्रमुख उपयोग इस प्रकार हैं:

समस्या समाधान के लाभ

AI के द्वारा समस्या समाधान के क्षेत्र में कई नई संभावनाएँ उत्पन्न हुई हैं, जो कि विभिन्न क्षेत्रों में प्रभावी रूप से समस्याओं को हल कर रही हैं। यह न केवल कार्यों को सरल बनाता है बल्कि निर्णय लेने की प्रक्रिया को भी अधिक प्रभावी बनाता है।

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गेम और मिनीमैक्स (Game Playing & Minimax)

गेम और मिनीमैक्स (Game Playing & Minimax) AI के एक महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं, जो कंप्यूटर के लिए खेलों में निर्णय लेने और रणनीतियाँ विकसित करने से संबंधित हैं। यह विशेष रूप से उन खेलों में उपयोग किया जाता है जहाँ दो या दो से अधिक खिलाड़ी होते हैं, जैसे शतरंज, टिक-टैक-टो, और अन्य सामरिक खेल।

गेम प्लेइंग में AI

गेम प्लेइंग में AI का मुख्य उद्देश्य है कि मशीन एक मानव खिलाड़ी के मुकाबले सोच-समझ कर अच्छा खेल सके। AI के द्वारा खेल खेलते समय यह निर्णय लेने के लिए उपयुक्त रणनीतियों का उपयोग किया जाता है। ऐसे खेलों में निर्णय लेने के लिए AI को विभिन्न अवस्थाओं का मूल्यांकन करना होता है और सबसे उपयुक्त चाल चुननी होती है।

मिनीमैक्स एल्गोरिदम

मिनीमैक्स (Minimax) एक प्रसिद्ध निर्णय लेने का एल्गोरिदम है, जो विशेष रूप से दो-खिलाड़ी वाले खेलों में उपयोग किया जाता है। इसका उद्देश्य यह है कि एक खिलाड़ी अपने सर्वोत्तम निर्णय का चयन करे, जबकि दूसरा खिलाड़ी भी अपने सर्वोत्तम निर्णय का चयन करेगा। मिनीमैक्स एल्गोरिदम यह सुनिश्चित करता है कि दोनों खिलाड़ी अपनी सर्वोत्तम चालों का चयन करें।

मिनीमैक्स एल्गोरिदम का काम करने का तरीका

मिनीमैक्स एल्गोरिदम का मुख्य उद्देश्य "मैक्सिमाइजिंग" (अधिकतम बनाने) और "मिनिमाइजिंग" (न्यूनतम करने) के सिद्धांत पर काम करना है:

मिनीमैक्स एल्गोरिदम एक पेड़ (tree) संरचना का उपयोग करता है, जहाँ प्रत्येक नोड एक गेम की स्थिति को दर्शाता है और शाखाएँ उन स्थितियों के बीच संभावित चालों को दर्शाती हैं। यह एल्गोरिदम पेड़ की गहरी शाखाओं तक जाता है और फिर इन नोड्स का मूल्यांकन करता है। खिलाड़ी सबसे अच्छे नोड्स को चुनने के लिए इस पेड़ में एक शिखर (peak) की ओर बढ़ता है।

मिनीमैक्स एल्गोरिदम का कार्यान्वयन

मिनीमैक्स एल्गोरिदम में प्रत्येक नोड के लिए एक "स्कोर" निर्धारित किया जाता है, जो यह बताता है कि वह स्थिति कितनी फायदेमंद है। नोड्स को इस प्रकार से मूल्यांकन किया जाता है:

यह एल्गोरिदम तब तक कार्य करता है जब तक कि सभी संभावित चालों की जाँच नहीं की जाती और प्रत्येक चाल का मूल्यांकन नहीं किया जाता। इसके बाद, सर्वोत्तम चाल को चुना जाता है, जो दोनों खिलाड़ियों के लिए सबसे फायदेमंद होता है।

मिनीमैक्स और α-β प्रूनिंग (Alpha-Beta Pruning)

मिनीमैक्स एल्गोरिदम का एक प्रमुख सुधार α-β प्रूनिंग (Alpha-Beta Pruning) है। यह तकनीक पेड़ की शाखाओं की अनावश्यक जाँच को रोकने में मदद करती है, जिससे एल्गोरिदम अधिक तेज़ हो जाता है।

α-β प्रूनिंग में, दो मान (α और β) बनाए जाते हैं:

यदि कोई शाखा उस स्थिति तक पहुँचती है जहाँ α ≥ β, तो इसे "प्रून" किया जाता है (अर्थात, उस शाखा को छोड़ दिया जाता है और आगे नहीं बढ़ा जाता)। इससे एल्गोरिदम की गति बढ़ जाती है और समय की बचत होती है।

AI में गेम प्लेइंग के अनुप्रयोग

गेम प्लेइंग में AI के लाभ

गेम प्लेइंग और मिनीमैक्स एल्गोरिदम ने AI को खेलों में एक उत्कृष्ट प्रतिस्पर्धी बना दिया है और इसने मशीनों को मानवों के मुकाबले बेहतर निर्णय लेने की क्षमता दी है।

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Supervised, Unsupervised, Reinforcement Learning / पर्यवेक्षित, अप्रत्याशित, सुदृढीकरण शिक्षण

Supervised Learning / पर्यवेक्षित शिक्षण:

In supervised learning, the algorithm is trained on labeled data, meaning the data used for training has both the input and the corresponding output. The goal is to learn the mapping from input to output so that the model can make predictions on unseen data. It is mainly used for classification and regression tasks.

पर्यवेक्षित शिक्षण: पर्यवेक्षित शिक्षण में, एल्गोरिथम को लेबल किए गए डेटा पर प्रशिक्षित किया जाता है, जिसका अर्थ है कि प्रशिक्षण के लिए उपयोग किया गया डेटा में इनपुट और संबंधित आउटपुट दोनों होते हैं। उद्देश्य इनपुट से आउटपुट तक के मानचित्रण को सीखना है ताकि मॉडल अप्रकाशित डेटा पर भविष्यवाणियाँ कर सके। यह मुख्य रूप से वर्गीकरण और प्रतिगमन कार्यों के लिए उपयोग किया जाता है।

Unsupervised Learning / अप्रत्याशित शिक्षण:

In unsupervised learning, the algorithm is given data without explicit labels. The model must find patterns, structures, or relationships within the data without any prior knowledge of the outputs. It is typically used for clustering and dimensionality reduction tasks.

अप्रत्याशित शिक्षण: अप्रत्याशित शिक्षण में, एल्गोरिथम को बिना स्पष्ट लेबल के डेटा दिया जाता है। मॉडल को डेटा के भीतर पैटर्न, संरचनाओं या संबंधों को बिना किसी पूर्व ज्ञान के आउटपुट के ढूँढना होता है। इसका उपयोग सामान्यत: क्लस्टरिंग और आयाम घटाव कार्यों के लिए किया जाता है।

Reinforcement Learning / सुदृढीकरण शिक्षण:

Reinforcement learning is a type of machine learning where an agent learns to make decisions by performing actions and receiving feedback in the form of rewards or penalties. The goal is to maximize the cumulative reward over time. It is commonly used in robotics, gaming, and autonomous systems.

सुदृढीकरण शिक्षण: सुदृढीकरण शिक्षण मशीन शिक्षण का एक प्रकार है जहाँ एक एजेंट क्रियाएँ करके और पुरस्कार या दंड के रूप में प्रतिक्रिया प्राप्त करके निर्णय लेना सीखता है। उद्देश्य समय के साथ कुल पुरस्कार को अधिकतम करना है। इसका उपयोग सामान्यतः रोबोटिक्स, गेमिंग और स्वायत्त प्रणालियों में किया जाता है।

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Regression & Classification / प्रतिगमन और वर्गीकरण

Regression / प्रतिगमन:

Regression is a type of supervised learning where the output is a continuous value. It is used to predict values based on input data, such as predicting house prices based on features like size, location, etc. The goal is to model the relationship between the dependent and independent variables.

प्रतिगमन: प्रतिगमन एक प्रकार का पर्यवेक्षित शिक्षण है जहाँ आउटपुट निरंतर मान होता है। इसका उपयोग इनपुट डेटा के आधार पर मानों की भविष्यवाणी करने के लिए किया जाता है, जैसे आकार, स्थान आदि जैसे गुणों के आधार पर घरों की कीमत की भविष्यवाणी करना। उद्देश्य आश्रित और स्वतंत्र चर के बीच संबंध का मॉडल बनाना है।

Classification / वर्गीकरण:

Classification is another type of supervised learning where the output is categorical. It is used to classify data into different classes or categories. For example, classifying emails as spam or not spam based on certain features. The model learns to assign labels to data based on input features.

वर्गीकरण: वर्गीकरण एक और प्रकार का पर्यवेक्षित शिक्षण है जहाँ आउटपुट श्रेणीबद्ध होता है। इसका उपयोग डेटा को विभिन्न श्रेणियों या वर्गों में वर्गीकृत करने के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए, कुछ विशेषताओं के आधार पर ईमेल को स्पैम या नॉन-स्पैम के रूप में वर्गीकृत करना। मॉडल इनपुट विशेषताओं के आधार पर डेटा को लेबल असाइन करना सीखता है।

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Decision Tree, Random Forest / निर्णय वृक्ष, रैंडम फॉरेस्ट

Decision Tree / निर्णय वृक्ष:

A decision tree is a supervised learning algorithm that splits the data into subsets based on different criteria. Each split represents a decision point, and the leaves of the tree represent the output or class label. It is used for both classification and regression tasks.

निर्णय वृक्ष: निर्णय वृक्ष एक पर्यवेक्षित शिक्षण एल्गोरिथम है जो डेटा को विभिन्न मानदंडों के आधार पर उपसमुच्चयों में विभाजित करता है। प्रत्येक विभाजन एक निर्णय बिंदु का प्रतिनिधित्व करता है, और वृक्ष के पत्ते आउटपुट या वर्ग लेबल का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसका उपयोग वर्गीकरण और प्रतिगमन दोनों कार्यों के लिए किया जाता है।

Random Forest / रैंडम फॉरेस्ट:

Random forest is an ensemble learning method that combines multiple decision trees to improve accuracy and reduce overfitting. Each tree in the forest is trained on a random subset of the data, and the final prediction is made by aggregating the predictions from all the trees. It is widely used for classification and regression tasks.

रैंडम फॉरेस्ट: रैंडम फॉरेस्ट एक सामूहिक शिक्षण विधि है जो सटीकता सुधारने और अधिक अनुकूलन को कम करने के लिए कई निर्णय वृक्षों को मिलाती है। वन के प्रत्येक वृक्ष को डेटा के एक यादृच्छिक उपसमुच्चय पर प्रशिक्षित किया जाता है, और अंतिम भविष्यवाणी सभी वृक्षों से भविष्यवाणियों को एकत्रित करके की जाती है। इसका व्यापक रूप से वर्गीकरण और प्रतिगमन कार्यों के लिए उपयोग किया जाता है।

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Decision Tree, Random Forest / निर्णय वृक्ष, रैंडम फॉरेस्ट

Decision Tree / निर्णय वृक्ष:

A Decision Tree is a supervised learning algorithm that models data using a tree-like structure. It splits data into subsets based on certain features, with each decision point representing a decision based on feature values. The process continues recursively until a leaf node is reached, which represents a class or a predicted output. Decision trees are used for both classification and regression tasks.

निर्णय वृक्ष: निर्णय वृक्ष एक पर्यवेक्षित शिक्षण एल्गोरिथम है जो डेटा को वृक्ष जैसी संरचना का उपयोग करके मॉडल करता है। यह डेटा को कुछ विशेषताओं के आधार पर उपसमुच्चयों में विभाजित करता है, प्रत्येक निर्णय बिंदु विशेषताओं के मानों के आधार पर एक निर्णय का प्रतिनिधित्व करता है। यह प्रक्रिया पुनरावृत्त रूप से चलती रहती है जब तक एक पत्ते पर नहीं पहुँचते, जो एक वर्ग या पूर्वानुमानित आउटपुट का प्रतिनिधित्व करता है। निर्णय वृक्ष का उपयोग वर्गीकरण और प्रतिगमन कार्यों दोनों के लिए किया जाता है।

Random Forest / रैंडम फॉरेस्ट:

Random Forest is an ensemble learning method that constructs a number of decision trees at training time. Each tree in the forest is trained on a random subset of the data and makes a prediction. The final prediction is determined by combining the predictions of all the individual trees. Random forests help improve model accuracy and reduce overfitting compared to single decision trees.

रैंडम फॉरेस्ट: रैंडम फॉरेस्ट एक सामूहिक शिक्षण विधि है जो प्रशिक्षण समय में कई निर्णय वृक्षों का निर्माण करती है। वन में प्रत्येक वृक्ष को डेटा के एक यादृच्छिक उपसमुच्चय पर प्रशिक्षित किया जाता है और भविष्यवाणी करता है। अंतिम भविष्यवाणी सभी वृक्षों की भविष्यवाणियों को मिलाकर की जाती है। रैंडम फॉरेस्ट एकल निर्णय वृक्षों की तुलना में मॉडल की सटीकता को सुधारने और अधिक अनुकूलन (overfitting) को कम करने में मदद करता है।

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