कांशीराम जी - समाज के लिए योगदान
यहां कांशीराम जी द्वारा समाज के हित में किए गए मुख्य योगदान संक्षेप में दिए गए हैं।
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दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को संगठित किया
कांशीराम जी ने समाज के उन वर्गों को संगठित किया जो वर्षों से शोषित और वंचित थे और उनको राजनीतिक व सामाजिक रूप से जागरूक बनाया।
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BAMCEF की स्थापना (1978)
"ऑल इंडिया बैकवर्ड एंड माइनॉरिटी कम्युनिटीज़ एम्प्लॉइज़ फेडरेशन" बनाकर सरकारी सेवाओं में कार्यरत दलित-पिछड़े कर्मचारियों को मंच दिया। -
DS4 की स्थापना (1981)
"दलित शोषित समाज संघर्ष समिति" के माध्यम से बड़े स्तर पर आंदोलन और संगठनात्मक काम किए गए ताकि शोषित वर्गों की आवाज़ उठ सके। -
बहुजन समाज पार्टी (BSP) की स्थापना (1984)
14 अप्रैल 1984 को BSP की स्थापना कर वे राजनीतिक रूप से बहुजन वर्ग को संगठित कर सत्ता में भागीदारी का मार्गदर्शन करने लगे। -
राजनीति में भागीदारी का अवसर दिया
कांशीराम जी ने दलितों और वंचित वर्गों को समझाया कि वे वोटर ही नहीं—बल्कि सत्ता में भागीदार भी बन सकते हैं। v> -
मायावती जैसे नेतृत्व को आगे लाया
उन्होंने मायावती को राजनीति में अवसर दिया; मायावती बाद में उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं और दलित नेतृत्व को मजबूती मिली। -
“बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय” का नारा
यह नारा समाज को जोड़ने और शोषित वर्गों के अधिकारों के लिए प्रेरित करने वाला सिद्ध हुआ। v> -
दलित राजनीति को राष्ट्रीय पहचान दिलाई
कांशीराम जी ने दलित राजनीति को आंदोलन से संसद और विधानसभाओं तक पहुँचाया, जिससे शोषित वर्गों की आवाज़ राष्ट्रीय मंच पर आयी।