1-सेंचुरी बनाओ
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बच्चे गोले में बैठेंगे। बीच में हम 100 लिखेंगे।
हर बच्चे को कोई संख्या देंगे (जैसे 50, 40 …)।
बच्चे को दिए हुए अंक के साथ नया अंक जोड़ना होगा,
ताकि दोनों को मिलाने पर पूरे 100 बन जाएँ।
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2-खुल जा सिमसिम
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कागज़ के छोटे पुर्जों पर कोई अक्षर या शब्द लिख कर उन्हें मोड़ दें। पर्चियों को किसी प्लेट या टोकरी में डाल कर बच्चों के बीच रख दें। फिर मज़ेदार-सी आवाज़ में बोलें, "खुल जा सिमसिम" तो एक-एक करके बच्चे पर्चियाँ खोलें। जिस बच्चे को जो भी अक्षर मिले, उससे उसे शब्द बनाना है। अगर पर्चियों में शब्द हैं तो उनसे वाक्य बनाना पड़ेगा।
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3- कैलेंडर से दोस्ती
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एक अच्छा सा रंग-बिरंगा कैलेंडर लगा लें। कुछ सवाल आप बच्चों से पूछ सकते हैं या फिर बच्चे एक-दूसरे से भी कर सकते हैं :-
(1) इस महीने में शनिवार कौन-कौन सी तारीख को आएगा?
(2) आज कौन-सी तारीख है? आज कौन-सा वार है?
(3) कक्षा में किसका जन्मदिन कौन-कौन सी तारीख को है? (चाहें तो बच्चे उन तारीखों पर जिसका जन्मदिन है उसका नाम भी लिख सकते हैं)
(4) अगले रविवार को कितने दिन बाकी हैं?
(5) इस शनिवार से पहले कितने शनिवार आ चुके हैं?
इस तरह कई अन्य सवाल तैयार हो सकते हैं।य बनाना पड़ेगा।
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4- रोते-रोते हँसते-हँसते
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दिए गए उदाहरण के आधार पर ब्लैकबोर्ड पर प्रश्न लिखें।
उदाहरण: 2 5 □ 7
खाली स्थान पर एक बच्चा चिन्ह भरेगा। जैसे: 2+5=7। बाकी बच्चे कुछ नहीं बोलेंगे पर उनका चेहरा हमें कुछ बताएगा।
सही जवाब पर बच्चे मुस्कुराएँगे। और गलत जवाब पर रोनी सूरत बनाएँगे। हमें चेहरे देखकर समझना है कि जवाब सही है या गलत। खेल में उन्हीं चिन्हों (+,−,<,>,=) का इस्तेमाल कीजिए जिन्हें बच्चे जानते हों।
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5- तीसरा कौन?
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बच्चे 1 से 100 तक बारी-बारी से गिनेंगे।
जब 5 के गुणज पर पहुँचे तो तालियाँ बजाएँ।
इससे संख्या पहचान और गणना क्षमता विकसित होती
है।
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6- जैसा नाम, वैसा दाम
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कुछ अक्षर चुनें और हर अक्षर को एक कीमत दें। अब इन अक्षरों से शब्द बनाएँ। बच्चों से कहें हर अक्षर की कीमत जोड़कर पूरे शब्द की कीमत लिखें।
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7- तोड़ो और जोड़ो
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अंकों को मज़ेदार चित्रों में भरकर आप बच्चों से उनका विस्तार करने के लिए कह सकते हैं। लेकिन पहले बच्चे समझ लें कि अंकों को चित्रों में भरना कैसे है। यह क्रिया बच्चे ब्लैकबोर्ड या कॉपी में कर सकते हैं।
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8- गर्म या ठंडा
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एक बच्चे को बाहर भेज दीजिए। दूसरा बच्चा आपके साथ मिलकर कोई भी एक अंक तय कर लेता है। जैसे 25। पहला बच्चा वापस आता है। उसे बताएँ हमने "10 से 30" के बीच में अंक सोचा है। बताएँ तो वह क्या है?...। पहला बच्चा बताता है 15, तो दूसरा बच्चा कहेगा "ठंडा"। यदि पहला बच्चा बताता है 20 तो दूसरा बच्चा कहेगा "थोड़ा गर्म"। यदि पहला बच्चा बताता है 23 तो दूसरा बच्चा कहेगा "बहुत गर्म"। यदि पहला बच्चा बताता है 25 तो दूसरा बच्चा कहेगा "वाह भई वाह"। है न गरमागरम खेल!
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9- पासे का खेल
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दो पासे चाहिए। बच्चों की दो टीम बनाएँ। पहला बच्चा पासे फेंकेगा। दूसरा उन पासों पर आई संख्या बोलेगा। जैसे 3,2। तीसरा बच्चा दोनों अंक गिनकर ब्लैकबोर्ड पर लिखेगा। पहली टीम के लोग पासे फेंके हैं। पासे पर आए बिंदु गिनकर बोर्ड पर लिखें। दूसरा टीम भी वही करें। दस बार खेलने के बाद, गिनें की कौन-सी टीम जीत रही है।!
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10- उल्टा - सुलता
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दस बच्चे एक कतार में खड़े हो जाएँ। जब ताली बजेगी तब बच्चे अपने हाथ आगे बढ़ा दें। कुछ की हथेलियाँ ऊपर की ओर और कुछ नीचे की तरफ़ हो सकती हैं। अब गिनना होगा कि कितनी हथेलियाँ ऊपर और कितनी नीचे हैं। गिनकर ब्लैकबोर्ड या कॉपी पर लिखें। हर बार यह खेल खेलेंगे तो हर बार हिसाब अलग आएगा।
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11- ताली चुटकी
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सुनो और बूझो। एक ताली यानी 10, तो दो ताली हुई 20 और तीन ताली हुई 30। इसी तरह एक चुटकी यानी 1, दो चुटकी यानी 2। अब मैं ताली और चुटकी बजाऊँगी। आपको ध्यान से सुनना है और कुल संख्या बतानी है। तो शुरू करें
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12- कदम-कढा
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यह खेल बच्चे चौकड़ी (X) और शून्य (0) से खेलते हैं। लेकिन इसे अंकों से भी खेला जा सकता है। दो अंक जैसे 4 और 8 लें और खेलें। चित्र में दिखाए गए चौरास की तरह आप भी एक चौरास बनाकर खेलना शुरू कर दें।
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13- उठक बैठक
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बच्चे एक कतार में खड़े हो जाएँ। एक कोई ताली बजाए। बच्चे उठक-बैठक करना शुरू करें। जैसे ही ताली रुक जाती है, बच्चे जैसे हैं वैसे ही रह जाएँ। जो उठ गया है वह उठा रहे। जो बैठा है वह बैठा रहे।
अब हम गिनते हैं कि कितने बच्चे उठे हैं और कितने बच्चे बैठे हैं। बार-बार खेलने से देखेंगे कि हर बार हिसाब अलग होता है...
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14- मार छलाँग !
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दिए गए चित्र के आधार पर ज़मीन पर एक चित्र बनाएँ। आकार के खाली स्थानों में उन अंकों को लिखिए जिन्हें आप बच्चों को सिखाना चाहते हैं। बच्चों को बारी-बारी से बुलाएँ। लिखे हुए अंकों में से आप एक अंक बोलें। हर बच्चे को पहले उसी अंक पर कूदना है, ठीक मेंढक की तरह। फिर दूसरा अंक बोलें। अब बच्चे को पहले अंक के स्थान से बोले गए दूसरे अंक पर कूदना है।
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15- नागू नाग
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नागू नाग भूखा है। लेकिन वह तो सिर्फ़ अंक खाता है। तो फिर, क्या करें? पहले तो नागू नाग को ज़मीन या ब्लैकबोर्ड पर बना लें। अब बच्चों को नागू के पेट में अंक भरने हैं। कोई अंक पुकारें और बारी-बारी नागू के पेट में सही स्थान पर अंक भरें। यह खेल ज़मीन, ब्लैकबोर्ड या कॉपी में किया जा सकता है।
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16- रंगीला रे
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बच्चों की दो टीमें बनाएँ। एक टीम में एक बच्चा और दूसरी टीम में बाकी सब। जी हाँ, यह है रंगों का खेल जिसमें दूसरी टीम के बच्चे पहली टीम के बच्चे से पूछेंगे, “लाल, गुलाबी, नीला, पीला, कौन सा रंग सबसे रंगीला?” पहला बच्चा अच्छी तरह सोचकर उस रंग का नाम लेगा जो आस पास आसानी से मिलने वाला नहीं। उदाहरण के लिए बच्चे ने कहा "नीला" तो बाकी सब बच्चों को जल्दी से नीले रंग की कोई भी वस्तु ढूँढ़कर पकड़नी है। पहला बच्चा अपने बाकी साथियों के पीछे उन्हें छूने भागेगा। जो नीले रंग की कोई भी वस्तु नहीं ढूँढ़ पाया, वह खेल से बाहर हो जाएगा।
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17- संख्या चक्र
इस खेल में हम स्थानीय मान की समझ विकसित करने पर ध्यान देते हैं।
इसमें जितने अंक तक के स्थानीय मान की समझ करानी है, उतने गोले बढ़ते क्रम में बनाते हैं।
कंकड़ या बीज लेकर गोलों में फेंकते हैं।
प्रत्येक गोले के अंदर आए कंकड़ या बीज को उठाकर उनके स्थानीय मान के अनुसार गिनते हैं और फ्रेम में लिखते हैं।
उदाहरण (Example)
4312 = (1000 × 4) + (100 × 3)
= (10 × 1) + (1 × 2)
= 4000 + 300 + 10 + 2
18- क्या–क्या उड़ाओगे?
बच्चे एक घेरे में बैठ जाएँ। दीदी बीचों बीच बैठे। सब लोग अपने हाथ की बीच की अँगुली बाहर निकालकर ज़मीन पर रखें। दीदी को जल्दी-जल्दी कहना है– 'चिड़िया उड़, तोता उड़, कपड़ा उड़...' और कहते-कहते अपनी अँगुली को उठाना है। बच्चे भी अपनी अँगुली उठाकर चिड़िया तोता उड़ाएँगे। लेकिन अगर दीदी अपनी अँगुली उठाकर कहती है 'पहाड़ उड़, पंखा उड़, कुर्सी उड़', तो बच्चों को अँगुली नहीं उठानी है। भला कुर्सी और पहाड़ भी भी कहीं उड़ते हैं? दीदी, आपको बस बहुत जल्दी-जल्दी बहुत कुछ उड़ाना है और बच्चों, आपको बहुत ध्यान से सुनना है और देर किए बिना दीदी के साथ-साथ चलना है।
19- अलग–अलग परिस्थितियों के अनुसार चलना
बच्चों को तीन या चार की टोली के छोटे-छोटे समूहों में बाँटें। हर समूह को अपना ड्राइवर चुनने को कहें। अब उन्हें अपनी मोटर चलाने को कहें तथा वैसी ही आवाज़ निकालने और हाव-भाव दिखाने को भी कहें।
अब परिस्थितियाँ बदल कर बताएँ, जैसे—
अभी सुनसान सड़क पर चल रहे हैं।
अभी भीड़-भाड़ वाला इलाका है और धक्का मुक्की हो रही है।
अभी जाम लग गया है तथा ड्राइवर आपस में झगड़ रहे हैं।
रास्ते में कंकड़ पत्थर हैं।
सड़क पर पानी भरा हुआ है।।
20- हवा पर लिखो!
क्या हवा पर शब्द या अक्षर लिखे जा सकते हैं? क्यों नहीं, अगर आप अपनी अँगुली से लिखें!
शर्त यह है कि धीरे-धीरे लिखना होगा। बच्चे बूझें कि क्या लिखा जा रहा है। फिर उस अक्षर या शब्द को बोलें। उसके बाद उस शब्द या अक्षर को बच्चे अपनी कॉपी पर लिखें— अँगुली से नहीं, पेंसिल से!
21- मनपसंद
बच्चे गोल घेरे में बैठ जाएँ। आप कहें "सब बारी-बारी झटपट अपने मनपसंद फूल का नाम बताएँ!" जो बच्चे नाम बताने में देर करेंगे या सोचते रह जाएँगे, वे खेल से बाहर जाएँगे।
खेल आगे बढ़ेगा... फूलों के नाम, रंगों के नाम, शहरों के नाम... मिठाई के नाम... दोस्तों के नाम या फिर मनपसंद खाने की चीज़ों के साथ भी यह खेल हो सकता है।
22-पीठों–पीठ
सब बच्चे कतारों में बैठ जाएँ। कोई भी बच्चा आगे बैठे बच्चे के कान में कोई अक्षर बोले। वह बच्चा अपने आगे वाले की पीठ पर अँगुली से वही अक्षर लिखे। यह सिलसिला आखिरी बच्चे तक चलेगा जो वही अक्षर ब्लैक बोर्ड पर लिखेगा।
यदि वह अक्षर ठीक हुआ तो आप सबकी पीठ ठोकी जानी चाहिए! लेकिन यदि गलत हुआ तो उल्टी तरफ से चलते हुए हर बच्चे को बताना पड़ेगा कि उसने अपने साथी की पीठ पर क्या लिखा था।
23-एक से अनेक
बच्चों को कोई एक अक्षर दें। उनसे कहें इस अक्षर से शुरू होने वाले जितने शब्द बोल सकते हो, बोलो। जैसे, एक बच्चे के पास अक्षर आया 'क'। वह बोल सकता है कानपुर, कान, कान्ता, कुन्नी, कप, कविता।
हर बार बच्चों को अलग अक्षर दें। इसके बाद इन शब्दों को ब्लैक बोर्ड पर लिख सकते हैं और बच्चे उन्हें सामूहिक रूप से पढ़ सकते हैं। यह शब्दकोश तैयार करने का अनोखा तरीका है।
24-कूद जाओ, अक्षर लाओ
ज़मीन पर कुछ खाने बनाकर उनमें अक्षर या शब्द लिख दें।
आप एक-एक करके अक्षर या शब्द बोलें। घेरे में खड़े बच्चे बारी-बारी उस अक्षर या शब्द पर कूदेंगे जिन्हें आप बोलें।
यह खेल अंकों से भी खेला जा सकता है।
25-अक्षर जोड़ी
हर अक्षर के दो कार्ड बनाएँ। उन्हें मिलाकर पंक्तियों में उल्टा करके रख दें। हर बच्चे की बारी आएगी। अब बच्चे दो कार्ड खोलेंगे। उन्हें देखकर फिर पलट करके रख देंगे। इसी तरह कार्ड खुलते जाएँगे।
उदाहरण: यदि एक बच्चा 'ख' और 'ट' का कार्ड खोलता है तो उसे पलटने के पहले याद करना होगा कि ख और ट के कार्ड कहाँ हैं। जो बच्चा सबसे ज़्यादा अक्षर की जोड़ियाँ खोलेगा, वह होगा विजेता।
26-शब्द अंताक्षरी
बच्चों, आप जानते हैं अंताक्षरी किसे कहते हैं? अंताक्षरी यानी अंतिम अक्षर का खेल!
सब बच्चे घेरे में बैठ जाएँ। एक बच्चा अपना मनपसंद शब्द बोले, जैसे 'अमरूद'। अब अगला बच्चा इस शब्द के आख़िरी अक्षर से, यानी 'द' से नया शब्द बोलेगा, जैसे 'दवा'। और इस तरह खेल आगे बढ़ता जाएगा।
(मज़ेदार बात यह है कि बच्चे खुद भी इसे खेल सकते हैं! दो समूह तैयार करें और शुरू हो जाएँ!)
27-आकाश में है क्या?
कोई एक विषय चुनें, जैसे 'आकाश में क्या–क्या दिखाई देता है?' अब सभी बच्चे आकाश में नज़र आने वाली कोई एक चीज़ का नाम बताएँगे। हर बच्चा अलग बोले।
खेल के लिए कुछ अन्य विषय हैं:
घर में क्या–क्या चीज़ें होती हैं?
स्कूल/क्लास में क्या–क्या पाया जाता है?
जंगल में क्या–क्या पाया जाता है?
दर्जी के पास क्या–क्या चीज़ें होती हैं?
यह खेल लिखित में भी हो सकता है।
इस खेल को दो टीम में भी खेला जा सकता है।
अब देखें कौन सी टीम ज़्यादा चीज़ें बता सकती है!ँ!)
28-कानाबाती कर मेरे साथी
सब बच्चे एक घेरे में बैठ जाएँ। एक बच्चा अपने साथी के कान में कोई शब्द या वाक्य फुसफुसाएगा। दूसरा बच्चा वही शब्द/वाक्य अपने बगल वाले बच्चे के कान में कहेगा। इस तरह यह सिलसिला सारे बच्चों से होकर पहले बच्चे तक पहुँचेगा। बच्चा बताएगा कि उसने क्या सुना।
अब अगले बच्चे की बारी है...
29-चील दुपट्टा... झोल झपट्टा
इस खेल में बच्चे दो समूह में लाइन से खड़े हो जाएँ। बीचों–बीच रूमाल रख सकते हैं। हर समूह में बच्चों को नंबर दिया जाएगा। जैसे कि हर टीम में पाँच नंबर का बच्चा होगा।
जब कहा जाएगा 'पाँच' तब पाँच नंबर का बच्चा हर टीम से भागकर रूमाल की तरफ बढ़ेगा... उनमें से जो भी चील की फ़ुर्त्ती से उसे उठाकर अपनी टीम में वापिस लौट आएगा, उस टीम को मिलेंगे नंबर। खेल को आगे बढ़ाने के लिए कोई और नंबर पुकारें।
30-मुँह पर ताला
सब बच्चे दो टीमों में बँट जाएँ और एक दूसरे से कुछ दूरी पर बैठें। पहली टीम का एक बच्चा दूसरी टीम के पास जाएगा। दूसरी टीम उसके कान में कोई भी एक शब्द बोलेगी, जैसे: 'खाँसना'।
बच्चे को अपनी टीम को बिना कुछ बोले, बिना कोई आवाज़ किए, दो-तीन मिनट में समझाना है कि उससे क्या कहा गया है। इसी तरह अगली बार दूसरी टीम का एक बच्चा, पहली टीम के पास अपना शब्द लेने जाएगा और खेल आगे चलेगा।
चाहें तो दोनों टीमों के नंबर ब्लैकबोर्ड पर लिखे जा सकते हैं। पुकारें।
31-उल्टी गिनती
सब बच्चे घेरे में बैठें। बारी-बारी ऊँचे स्वर में उल्टी गिनती बोलें। बीस से शुरू करें। पहला बोले बीस, दूसरा बोले उन्नीस, तीसरा अट्ठारह... इस तरह से बोलते चलें...
इसके दो और रूप देखो। पहला बच्चा बोले पचास, दूसरा उनचास.. जब तक एक तक नहीं पहुँच जाते।
अब पहला बच्चा शुरू करे 100 बोलकर फिर 90, 80, 70, 60...।
32-संगीत आसन
ताली, डफली, सीटी कुछ भी बजाएँ। गाना भी गा सकते हैं। ज़मीन पर दरी, चटाई या कुछ और नहीं रहने पर दुपट्टा या अख़बार बिछा सकते हैं। बिछाई हुई दरी या चटाई के चारों तरफ़ बच्चे घूमेंगे।
जैसे ही ताली या गाना रुके, वैसे ही बच्चे दरी पर बैठ जाएँ। जो बच्चा खड़ा रह जाएगा, उसे संगीत आसन नहीं मिलेगा, यानी वह खेल से बाहर। लेकिन इतने से छूटने वाले नहीं बच्चे! गाना सुनाना होगा, कहानी या चुटकुला कुछ भी कह सकते हैं।
गाना या ताली फिर से चालू करने से पहले दरी को थोड़ा मोड़ लें ताकि बैठने की जगह कुछ कम हो जाए। खेल तब तक चलेगा जब तक संगीत आसन सिर्फ़ इतना रह जाए जिस पर एक ही बच्चा बैठ सके।।
33-बोल भाई कितने?
सब बच्चे एक घेरे में खड़े हो जाएँ। घेरे के बीच कोई भी बच्चा खड़े होकर पूछे, 'बोल भाई कितने?' बाकी बच्चे गोले में चलते हुए जवाब दें, 'आप चाहें जितने।'
अगर बीच में खड़ा व्यक्ति कहे 'चार' तो सब बच्चे झटपट चार–चार के समूह बना लें। जो बच्चे ऐसा नहीं कर पाते हैं, वे खेल से बाहर हो जाएँगे।
समूह की संख्या बदलती रहेगी और खेल चलता रहेगा।
34-गिन–गिन गिनती
गिनती गिनने के बहुत तरीके हैं! आओ देखें। सब बच्चे एक घेरे में बैठ जाएँ। बारी-बारी से गिनती शुरू करें। 1, 2, 3, 4... बोलते जाएँ।
इसी तरह पहला बच्चा बोले 10, अगला 20..., तीसरा 30... और तरीका देखो। पहला बच्चा बोले 100, दूसरा 200, तीसरा 300... और गिनती आगे बढ़ाओ।
एक और मज़ेदार तरीका है, पहला बच्चा बोले एक, दूसरा चुप रहे, तीसरा बोले तीन, चौथा चुप रहे, पाँचवा बोले 5... आदि।।
35-डबल–डबल
सब बच्चे एक घेरे में बैठ जाएँ। बारी-बारी से गिनती बोलना शुरू करें। पहला बच्चा बोले 2, अगला बोले 4, फिर 8, 16, 32... इत्यादि।
इसी तरह 3, 6, 12, 24... या 5, 10, 20, 40... इत्यादि। किसी भी संख्या से यह खेल शुरू कर सकते हैं।
देखें समूह के कितने बच्चे कहाँ तक कर पाते हैं। खेल कुछ मुश्किल है लेकिन इसे चलाते रहें। इस खेल को लिखकर भी खेल सकते हैं।
36-मामाजी का घर
मैं यहाँ हूँ और वहाँ मामाजी का घर है। मुझे मामाजी के घर जाना है। लेकिन वहाँ पहुँचने के लिए यहाँ लिखी सब संख्याओं को छूते हुए जाना है।
शर्त यह है कि अगर मैं इन अंकों को रेखाओं से जोड़ूँ तो रेखाएँ एक-दूसरे को न छूएँ और न ही काटें। क्या मामाजी के घर पहुँचने में आप मेरी मदद करेंगे?
आप चाहें तो ये दो घर और अंक ज़मीन या ब्लैकबोर्ड पर बना सकते हैं और अब शुरू हो जाएँ! इस खेल को आप बड़े अंकों के साथ भी खेल सकते हैं।
37-रंग–बिरंगे लंबे–चौड़े
सब बच्चे एक घेरा बना लें। उनके बीचों–बीच खड़ा व्यक्ति बोले, "जिन बच्चों के पास लाल रंग की कोई भी चीज़ हो (कपड़ा, रिबन, रूमाल, चप्पल) वे घेरे के बीच में आ जाएँ।"
अब इन बच्चों की गिनती करके बोर्ड पर लिखें। इसी तरह कह सकते हैं: "लंबे बालों वाले सभी बच्चे यहाँ बीच में आ जाएँ।" उनकी भी गिनती करें।
बस इसी प्रकार आप जो चाहें बोलकर इस खेल को आगे बढ़ाएँ।
38-क्या बनोगे?
सब बच्चे घेरा बनाएँ। खेल ऐसे खेलते हैं... आपने कहा, "पेड़"। सब बच्चे पेड़ जैसे बन जाएँगे। आपने कहा "बिल्ली"। सब बच्चे बिल्ली जैसा दिखने की कोशिश करेंगे। इस तरह से अलग-अलग जानवर या वस्तु का नाम लेकर बच्चे यह खेल खेल सकते हैं। (Note: An illustration shows a child pointing and saying "हाथी" - Elephant)
39-मैंने देखा...
कुछ क्षण चुपचाप रहें और चारों तरफ़ की चीज़ें देख लें। अब हर बच्चे को कहें, "आज मैंने देखा..."। हर बच्चे की बताई हुई चीज़ें अलग होनी चाहिए। "मैंने देखा पंखा। मैंने देखी खिड़की। मैंने देखा दीदी का लाल दुपट्टा।" अगर बच्चे लिख सकते हैं, तो चर्चा के बाद उन सारी चीज़ों की लिस्ट बनाएँ।
इसी क्रिया को कुछ और ढंग से भी कर सकते हैं। कोई विषय सोचें रंग, वस्तुएँ (घर, पेड़, पौधे) कीड़े या फिर आवाज़ या महक। बच्चे किसी भी विषय विशेष पर चर्चा कर सकते हैं और उसके बारे में लिख सकते हैं।
40-गिन–गिन कहानी
एक, दो, तीन, चार... कहानी हो गई है तैयार। यह कहानी बनेगी अंकों से। जैसे:
एक थी लड़की! फिर: "उसके दो भाई थे।" फिर: "उनके पास तीन-तीन कुत्ते थे।"
थोड़े बड़े बच्चों के साथ इस तरह की कहानी बनाई जा सकती है... "दस लोगों ने इस पुल का नक़्शा बनाया"। "सौ लोगों ने इसका निर्माण किया"। "हज़ारों लोग इसे देखने आए"। "लाखों ने इसके बारे में अख़बार में पढ़ा आदि।"
41-खोजो मेरे अक्षर
सब बच्चे अपनी पुस्तक का कोई पन्ना खोल लें। एक बच्चा अपना मनपसंद अक्षर बोलेगा। जैसे उसने कहा 'ग', तो सभी बच्चे अपने-अपने पन्ने पर गिन कर बताएँगे कि कितने 'ग' हैं। जो बच्चा सबसे ज़्यादा 'ग' वाले शब्द ढूँढ़ निकालेगा, वही जीतेगा। कोई दूसरा बच्चा अक्षर बोले बाकी बच्चे कोई भी नया पन्ना खोलें और शब्द खोज निकालें। कुछ देर बाद, इस खेल में हम नाम या शब्द भी खोज सकते हैं।
42-बारहखड़ी का खेल
बारहखड़ी का खेल
तीन लाईन बारहखड़ी बोर्ड पर लिख दें
देखें इसमें से कितने शब्द बन सकते हैं...
(Example words shown below the grid)
43-वाह-वाह वाक्य
एक सरल वाक्य से शुरू कीजिए- "यह लड़का है।"
अगला बच्चा इस वाक्य को कुछ लंबा और बेहतर बनाते हुए कहेगा, "यह अच्छा लड़का है।"
उसके बाद दूसरा बच्चा कहेगा, "यह अच्छा लड़का है और हँस रहा है।"
उसके बाद: "यह अच्छा लड़का है और हँस रहा है क्योंकि कक्षा में मजेदार बातें हो रही थीं।" यह क्रिया बच्चे स्वयं या समूह में कर सकते हैं। लेकिन कुछ समय बाद वे देखेंगे कि उस वाक्य को एक सीमा के बाद और लंबा नहीं किया जा सकता। तब एक नए वाक्य से फिर शुरू करें। इससे कहानी बनाने की क्रिया भी कर सकते हैं।
44-हवा चल रही है
हर बच्चे के कान में एक अक्षर बता दें। बच्चे गोले में खड़े हो जाएँ। बीच में कोई एक आकर बोले "हवा चल रही है।" बच्चे कहेंगे "कहाँ चल रही है?" पहला कहेगा, "ट पर चल रही है।" जिन बच्चों के कान में 'ट' कहा गया था, वे गोले के बीच में आ जाएँगे। इस तरह से अलग-अलग अक्षरों की हवा चलेगी। यह खेल बच्चे अक्षर कार्ड से भी खेल सकते हैं।